Friday, November 21, 2008

हिंदु आतंकवाद पर राजनीति...

भारत जैसे देश मे आतंकवाद कोइ नया शब्द नही है...यह वर्षो से चला आ रहा है संघर्ष है...चाहे वह मुस्लिम करे या हिंदु...
मुद्दा ये है कि क्या इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनिती होनी चाहिए???

मालेगांव बम धमाको मे इस कदर राजनिती हो रही है कि देख कर मन क्षुब्ध हो गया है...
धमाको मे शामिल साध्वी प्रज्ञा सहित अन्य 9 अभियुक्त दोषी है या नही ये तो माननीय सुप्रीम कोर्य बता पाएगा...पर सुप्रीम कोर्ट को दरकिनार करते हुए कुछ पार्टियो ने अभि से ही उन्हे दोषी करार दे दिया है...
फिलहाल इस केस को महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस सुलझाने मे लगी हुइ है...केस मे रोज़ कोइ नया मोड़ आ रहा है...
पर इन सब के बीच एक महिला,एक साध्वी के साथ एटीएस जिस तरह से या जिस बेशर्मी से पेश आ रही है...यह बेहद शर्मनाक विषय है...
साध्वी को जिस प्रकार यातना दी जा रही है और एटीएस ने जिस प्रकार साध्वी से पूछा कि क्या आप कुंवारी है???
जिस लड़की ने अपने कालेज के दिनो मे अपने साथी द्वारा उसके बालो की तारीफ कर देने से नाराज़ हो कर अपने बाल कटवा लिए थे उस लड़की से ऐसे बेहुदा सवाल लगातार पूछे जा रहे है जिसका कोई जवाब किसी के पास नही है???
ऐसा लगता है जैसे एटीएस कांग्रेस के इशारो पर चल रही है...
अब बात हिंदु आतंकवाद की----
संप्रग सरकार के रेलमंत्री लालू यादव कहते है कि ऐसे काम भाजपा करवाती है और देश के साधु संतो को आतंकवाद फैलाने और मुस्लिमो को बदनाम करवाने के लिए उन्हे पैसा और आश्रय देती है...
और अभी तक इस केस मे अवधेशानंद जी का भी नाम आया है...साध्वी ने इनके यहां दिक्षा ली है और जिस दिन उसने दीक्षा ली उस दिन उसके साथ 15000 अन्य शिष्यो ने भी दीक्षा ली थी...अब बाबा क्या जानते है कि वह इतने दिन कहां रही क्या किया...दिक्षा लेने के बाद शिष्य अलग अलग जगहो पर ज्ञान फैलाने के लिए चले जाते है...
अब चूकी भाजपा साधु-सन्यासियो को ज्यादा मानती है और विशेष स्नेह रखती है इसलिए कांग्रेस और एटीएस के टारगेट पर अभी साधु-सन्यासी है...
हिंदु आतंकवाद के नाम पर कांग्रेस जो राजनिती कर रही है उससे भाजपा का ही फायदा होना है...लोकसभा चुनावो में क्षेत्रियता का मुद्दा नही बल्की राष्ट्रियता का मुद्दा छाया रहता है...
कांग्रेस ने ये शिगूफा छोड़कर भाजपा के लिए वोटो का ध्रुवीकरण कर दिया है...

बात मकोका की---
कांग्रेस की सरकार ने साध्वी सहित अन्य 9 आरोपियो पर मकोका(महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून )लगाया है...
यह सही किया क्योंकि ऐसे अपराधो को विशेष पुलिस ही कर सकती है...चुकी महाराष्ट्र मे मकोका के कानून को सहमती है...
यदि कांग्रेस मकोका जैसे कानून को ठीक समझती है तो गुजरात,मध्यप्रदेश,उत्तर प्रदेश जैसे राज्यो मे संगठित अपराध रोकने के लिए इन राज्यो से आए हुए प्रस्तावो पर क्यो नही सहमती देती है????

47 मे देश के आज़ाद होने के बाद पहली सरकार कांग्रेस की ही बनी थी...भारत के उदारीकरण और किसी भी देश की संस्कृती या कोई भी अच्छी चीज़ को अपने अंदर समाहित करने वाले विशिष्ट गुंण के चलते भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने अंग्रेजो की डीवाईड एण्ड रूल वाली पालिसी को अपना लिया...
और समय समय पर देश मे हिन्दुओ और मुस्लिमो को बांट कर राज करती आई है...

बहरहाल
ऐसे विषयो पर किसी भी पार्टी को राजनिती नही करनी चाहिए और वोट बैंक तो विकास कार्यो से बढ़ता है...
अन्त मे यही कहूंगा आतंकवादी आतंकवादी होता है चाहे वह मुस्लिम हो या कोई और...
...नवीन सिंह...

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