मैनें अपनी इस पहली नौकरी के पूरे 1 वर्ष के इस कार्यकाल में कुछ अनुभव किए हैं...जो शायद आप सभी लोगों ने भी अपनी पहली नौकरी में ज़रूर किये होंगे...
आप लोग मेरी इस बात पर कतई दो राय नहीं रखते होंगे कि हमारी पहली नौकरी में हमारी उस नई वैश्या के समान स्थिती होती है जो बाज़ार में पहली बार अपना शरीर बेचने के लिए जाती है...(उनका बाज़ार हमारा चैनल)...
क्योंकि जब हम फ्रेशर के तौर पर आते हैं तब हमारे सभी सीनियर इस क्षेत्र में परिपक्व हो चुके होते हैं...और जो उनके साथ पूर्व में हुआ हो वही हमारे साथ भी करने की भरसक कोशिश करते हैं...और हमारा किसी भी बात पर या किसी भी विषय पर बलात्कार करने से पीछे नहीं हटते...
जैसे पहली बार जब हमारे सीनियर हमारी लेने की कोशिश करते हैं तब हमें अपनी बेइज्जती महसूस होती है वहीं वैश्या को भी अपनी पहली रात में कुछ ऐसा ही अनुभव होता है...
पर कुछ समय निकालने के बाद या मन से काम करते रहने के बाद थोड़ी सीनियारिटी आ ही जाती है...
वैसे ही उस नई वैश्या की भी यही हालत होती है जैसे जैसे वह बाज़ार में हाथों हाथ बिकने लगती है वैसे वैसे उसमें परिपक्वता आती जाती है...बिल्कुल वैसी ही स्थिती हमारी भी होती है...
या यूं कहें कि जैसे जैसे हमारे कपड़े न्यूज़रुम में सरेआम उतारे जाते हैं वैसे वैसे हमारा कॉन्फिडेंस लेवल और भी बढ़ता जाता है...
वैसे एक बात मैं आपको बताता चलूं कि अभी हमें निर्वस्त्र नहीं किया गया है क्योंकि सीनियरों के अनुसार हमें निर्वस्त्र होने में 10-12 साल और लगेंगे...मतलब हमारा पूरा मज़ा लिया जाएगा बिना पैसे के...
ईश्वर से कामना करता हूं की जल्द से जल्द हम भी प्रोफेशनल प्रॉस्टिट्यूट बन जाए...
नवीन सिंह , ज़ी न्यूज़ छत्तीसगढ़...
Wednesday, July 22, 2009
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1 comment:
भाई नवीन लगता है आप अभी से सरेडर हो गए है तभी बाजार के सामने निहुर गए है
आप जैसे युवा लोगो की बदौलत पत्रकारिता जैसा पेशा बच सकता है
मत भुलिए दुनिया की सभी क्रांतिया पहले कीसी एक ने हि शुरू की है
अरे आसमां में भी सुराख हो सकता है
एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो
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