पहले धर्म को समझें।
दोस्तों पिछले कुछ दिनों से केव्स पर गरमा गरम पढने को मिल रहा था हालांकि बहस अपनी सार्थकता खो चुकी थी कमेंन्ट्स कर नहीं पा रहा था, तो मन किया कुछ मैं भी लिखूं और आज चला आया कुछ लिखने के लिये। सचमुच धर्म से जुडा मुद्दा वेहद संजीदा क़िस्म का होता है जिस पर हम जैसे कम बुद्धियों को तो क़तई नही बोलना चाहिये क्योंकि कोई भी धर्म महज़ अपने आराध्य को पूजने, आरती करने तक ही सीमित नहीं रहता बल्कि यह एक वृहद विज्ञान होता है। इसे धर्म इसलिये कहा जाता है ताकि अनुयायी निर्दिष्ट पूजन विधान को करें और स्वस्थ रह सकें। इंसान के भीतर विद्यमान सभी दस रसों में से भय का हमारे ऋषियों(वैज्ञानिकों) ने इस्तेमाल करते हुए इसे सर्वोच्च सत्ता के प्रति भय और उसे अपना माई-बाप मानने की सीख दी, क्योंकि विज्ञान हर आदमी नहीं समझता। मुझे शायद धर्म की इससे ज़्यादा सरल परिभाषा कुछ और नहीं लगी मैं इस मंच के माध्यम से सबसे पहले धर्म क्या है ये समझने की कोशिश करना चाहता हूँ। आप सभी का सादर कमेंट्स आमंत्रित हैं कृपया दें और कारवां ये वार्ता आगे बढायें। धन्यवाद।।।।।।।।।।
Sunday, October 12, 2008
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